एक लहर सी उठी है

एक लहर सी उठी है


मेरा दिल भी एक समंदर है                                    जिसमें जज्बातों का एक बवंडर है                              एक ख्वाहिश एक चाह सर उठाती है                          दिल में मेरे एक लहर सी उठती जाती है।

 यूं तो रोज गुजरते हैं हसीन चेहरे                                 कोई कैसे बिठाए निगाहों पे पहरे                           उसकी आमद पर चाह मुस्कुराती है                            दिल में मेरे एक लहर सी उठती जाती है।

वो मासूम सा चेहरा, रंग सुनहरा                                घनेरी जुल्फें, होंठ गुलाबी, चाल शराबी                       झील सी आंखें जादू जगाती                                     दिल में मेरे एक लहर सी उठती जाती।

ये दिल उसका हुआ दीवाना
इतना सा बस है ये फसाना
देखूं जो उसको तो चैन आए
दिल में प्रेम की लहर उठती जाए।

ना देखूं उसको तो रहा न जाए
पहल कोई उसको जा कर ये बताए
हमारी हालत पे वो तरस खाए
दिल पे हाथ रख दे तो सुकून आए
समंदर में तूफ़ान शायद थम ही जाए।।

आभार – नवीन पहल – ११.०८.२०२३ ❤️❤️

# अधूरे मिसरे प्रसिद्ध पंक्तियां प्रतियोगिता हेतु 

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2 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Mohammed urooj khan

12-Aug-2023 01:46 AM

👌👌👌👌👌👌

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